नगर पालिका में बिना टेंडर के ही हो रहा स्वास्थ्य केंद्र रूदौली के बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य
1 min readएसडीएम व सीएचसी अधीक्षक को निर्माण की जानकारी नही
अयोध्या। रूदौली नगर पालिका प्रशासन का खेल निराला है ।नगर पालिका परिषद रूदौली के जिम्मेदार एक बार फिर सवालों के घेरे में है ओर बिना टेंडर निकाले ही स्वास्थ केंद्र रुदौली में निर्माण कराने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि नगर पालिका प्रशासन ने अपने एक चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की नीयत से निर्माण कार्य शुरू करा दिया। जबकि 50 हजार रुपये से ऊपर का काम कराने के लिए टेंडर निकालना अनिवार्य है। नगर के जर्जर मुख्य मार्गो, नाला, पुलिया व नालियों का निर्माण कराने में बजट के अभाव में नागरिकों से दुखड़ा रोने वाली पालिका के जिम्मेदार बजट को ठिकाने लगाने में माहिर अब बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए ही बिना टेंडर के ही लाखों की लागत से स्वास्थ्य केंद्र रुदौली की बाउंड्रीवाल व प्रांगण में इंटर लॉकिंग निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। टेंडर अभी तक हुआ नहीं निर्माण का काम काफी हद तक पूरा हो गया है जबकि स्वास्थ्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया है।
वही यह भी चर्चा है कि महिला अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। लेकिन इन सभी बातों को सीएचसी अधीक्षक रुदौली ने ख़ारिज करते हुए बताया कि ऐसा कोई मामला नहीं है। जो रूदौली नगर में चर्चा का विषय बन गया है।
पुरानी बिल्डिंग की ईंट व मलवा गायब :
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पुरानी जर्जर बिल्डिंग को भी बिना विभाग की अनुमति के जेसीबी मशीन द्वारा तोड़ डाला गया है और बिल्डिंग में लगी पुरानी ईट व मालवा भी गायब हो गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुदौली के अधीक्षक डाक्टर मदन बरनवाल ने बताया कि मुझे निर्माण कराए जाने के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है इसकी जांच के बाद ही कुछ बता पाऊंगा। वहीं नगर पालिकाध्यक्ष रुदौली जब्बार अली ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र रुदौली का अधिकांश निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद हमें बताया गया कि यह निर्माण कार्य पालिका द्वारा कराया जा रहा है। वहीं एसडीएम रुदौली अंशिका दीक्षित ने बताया कि हमें निर्माण के बारे में कोई जानकारी नहीं है हम ईओ से बात करेंगे। नगर पालिका रुदौली के अधिशासी अधिकारी सुरेश कुमार मौर्य ने बताया कि यह कार्य नगर पालिका द्वारा कराया जा रहा है। जब उनसे पूछा गया किस योजना के तहत व इसका टेंडर कब हुआ इस पर कोई जानकारी नहीं दी। पुनः जानकारी लेने का अथक प्रयास किया गया लेकिन अधिशासी अधिकारी का फोन रिसीव नहीं हुआ।
क्या इमरजेंसी काम के नाम पर हो रहा खेल :
जिस काम को टेंडर निकाल कर कराया जाना चाहिए था उसे इमरजेंसी के नाम पर कराकर लाखों का वारा-न्यारा किया जा रहा है। नगर निगम अधिनियम की धारा 117-6 (बी) के तहत जनता की सेवा या सुरक्षा के लिए बहुत ही जरूरी काम को इमरजेंसी में कराया जा सकता है। इसके अंतर्गत सिर्फ ऐसे काम कराए जाते हैं जिसके लिए टेंडर निकाला जाना संभव नहीं हो और तत्काल इसे कराया जाना जरूरी है। यानी अगर कहीं पुलिया टूट गई हो,सड़क टूटने की वजह से दुर्घटना की आशंका बनी रहती हो,नाले का स्लैब टूट गया हो,जलभराव हो जाने की वजह से कोई निर्माण कार्य कराने की आवश्यकता हो। ऐसे अन्य जरूरी काम को इस धारा के अंतर्गत कराने का प्रावधान है।