जहां रोपे थे एक लाख पौधे अब वहीं हुई गड्डा खोदाई
1 min readवन महोत्सव अभियान का सच, तारून में लगाए गए पेड़ अब नहीं दिखे, वन विभाग में मची हुई है खलबली
अयोध्या। जुलाई में मनाए जाने वाले वन महोत्सव को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। इस वर्ष वहीं गड्डों की खोदाई की जा रही है जहां गत वर्ष एक लाख से अधिक पौधे रोपे जाने का दावा वन विभाग की ओर से किया गया था। यह एक लाख पौधे कहाँ गायब हो गए और कौन जानवर चर गए यह जानकारी वन विभाग के पास भी नहीं है।
ऐसे में आने वाली जुलाई में वन महोत्सव में पौधरोपण अभियान को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह खुलासा तो अकेले तारुन ब्लाक का सामने आया है वर्ना गत वर्ष सभी 11 ब्लाकों में 30 लाख से अधिक पौधे रोपे जाने का डंका पीटा गया था।
पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा लाखों करोड़ों वृक्षों को वन महोत्सव मनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में खाली पड़ी जमीनों पर लगवा कर वही वाहवाही लूटी जाती है। जबकि वास्तविकता कुछ और है। अगर धरातल पर देखा जाए तो सरकारी आंकड़ों में पेड़ जिंदा हैं, लेकिन जमीन पर हकीकत बयां करते हैं। प्रत्येक वर्ष जुलाई अगस्त के बाद देख रहे के अभाव में सूख जाते हैं।
विकासखंड तारून से तीन किलोमीटर दक्षिण तमसा नदी के किनारे तमकीन गंज व जाना ग्राम पंचायत में लगभग प्रत्येक वर्ष पेड़ वन विभाग द्वारा लगाए जाते हैं। इसे लेकर मंगलवार को जब पड़ताल की गई तो इस समय उक्त स्थान पर एक प्रतिशत भी पेड़ों का नामोनिशान नहीं है।
पुनः इस वर्ष अप्रैल माह में ट्रैक्टर से गड्ढे की खुदाई कर दी गई जो एक फिट की गहराई से भी कम है। गड्ढों से गड्ढों की दूरी एक मीटर है। इसी तरह ग्राम पंचायत बेलगरा के मनिहरवा चारागाह के पास पौधरोपण वन विभाग द्वारा किया गया था, लेकिन देखरेख के अभाव में पेड़ सूख गए। इस बाबत वन विभाग को जवाब देते नहीं बन रहा है।
कोट – इस संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं है। जांच कराई जाएगी रोपे गए पौधे कहां चले गए। मैं खुद तकमीनगंज जांच के लिए जाऊंगा अगर नहीं है तो बड़ी लापरवाही है। जिम्मेदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी,..एसपी सिंह, वन अधिकारी, बीकापुर रेंज, वन विभाग।