शासनादेश ताक पर रख प्रधान के स्वजन बने कोटेदार
1 min readरूदौली(अयोध्या)रुदौली तहसील क्षेत्र अंतर्गत सैमसी और जखौली ग्राम प्रधानों के परिजन कोटेदार हैं जबकि शासनादेश में स्पष्ट हैं कि प्रधान के परिजनों को सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता हैं।
ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत का चुना हुआ जनप्रतिनिधि होता है जबकि कोटेदार का पद लाभ का पद माना जाता है ऐसे में शासनादेश है कि ग्राम प्रधान का कोई सगा संबंधी कोटेदार नहीं हो सकता है।ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्ति व राजस्व विभाग के गठजोड़ ने यहां यह कर दिखाया है रुदौली तहसील में एक नहीं दो दो ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों के पुत्र या बहू को कोटेदार बना दिया गया है ऐसा नहीं है कि इस खेल से अधिकारी अनजान हैं संपूर्ण समाधान दिवस से लेकर डीएम व खाद्य आयुक्त तक शिकायतें हो चुकी हैं फिर भी खाऊ कमाऊ नीति के कारण कार्यवाही सिफर है।आरोप है कि रुदौली ब्लाक की ग्राम पंचायत जखौली में सावित्री देवी ग्राम प्रधान हैं और इनकी बहू नीतू देवी कोटेदार हैं बीते 2 वर्षों से राशन वितरण में घटतौली और अधिक मूल्य लेकर अनियमितता की शिकायत हो रही है लेकिन जांच तक की जरूरत नहीं समझी गई है ऐसा ही प्रकरण मवई ब्लॉक की सैमसी ग्राम पंचायत का है यहां पर ग्राम प्रधान अशोक कुमार हैं और कोटेदार महादेव हैं महादेव ग्राम प्रधान अशोक कुमार के पिता है एक ही घर में प्रधान व कोटेदार होने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का समुचित लाभ राशन कार्ड धारकों को नहीं मिल पा रहा है।एसडीएम स्वप्निल यादव ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है पूर्ति बिभाग को जांच सौंपी गई है जांच के उपरांत बिधिक कार्यवाही की जाएगी।