रोजा रख स्कूल गया सात साल का फैज, 15 घंटे रहा भूखा-प्यासा
1 min readरोजेदारों और नमाजियों ने सेहतमंद और लंबी उमर के लिए की दुआएं
अयोध्या। यहां तक आते आते कितनी नदियां सूख जाती हैं, हमें मालूम है पानी कहां ठहरा होगा। किसी शायर की इस लाइन को 7 साल के आलमगंज कटरा के फैज आलम ने सच कर दिखाया। इस नन्ही सी उमर में फैज आलम ने रमज़ान का पहला रोज़ा रखकर पूरे दिन अल्लाह की इबादत की।
रमजान का पहला रोज़ा मंगलवार को था और जब सेहरी के वक्त भोर में करीब 3:30 पर परिवार के लोग उठे तो नन्हा फैज़ भी उठा और सेहरी करने के बाद फजर की नमाज अदा करके सो गया। सुबह 8 बजे स्कूल जाने लगा तो न ही पानी की बोतल ले गया और न ही टिफिन। पेपर खत्म हुआ तो घर आया पर खाना खाने से मना कर दिया और कहा कि मैं रोज़ा हूं, अम्मी, दादी व मोहल्ले के कई लोगों ने समझाया कि अभी छोटे हो अगले साल रहना, लेकिन उसकी जिद के आगे सब बेकार रहा और सेहरी का खत्म वक्त सुबह 4:50 मिनट से लेकर शाम 6:10 मिनट तक बिना अन्न और जल के अल्लाह की रज़ा के लिए फैज़ ने अपना पहला रोज़ा पूरा किया।
मस्जिद में नमाजियों ने किया स्वागत
इफ्तार के वक्त मस्जिद अशरफिया में फैज़ आलम को माला पहनाकर मस्जिद के पेश इमाम हाफिज मेराज अहमद, हाजी सेराज अहमद उर्फ चांद, हाफिज मोहम्मद अफजल सहित अन्य लोगों ने खुजुर खिलाकर इफ्तार कराया। अल्लाह की बारगाह में उम्र दराज़ी, सेहतमंदी व बेहतर तालीम हासिल करने के लिए खुसूसी दुआएं दी। इस तरह से सात साल की इस नन्ही सी उम्र में फैज ने अपनी जिंदगी का पहला रोज़ा रखकर अल्लाह की इबादत करने का शरफ हासिल किया। हाजी इरशाद अली, एहसान अली, मुनीर अहमद सिद्दीकी, इमाम अली, इरफान अली, मोहम्मद फजल, मोहम्मद फैसल, मोहम्मद सुहेल, मोहम्मद ज़हीर मौजूद रहे।