22 साल पहले बना चौधरी चरण सिंह जलाशय हो गया बर्बाद, उगी हैं झाड़ियां
1 min readअयोध्या। विकास खंड मुख्यालय पर 22 वर्ष पहले आदर्श तालाब के रूप में स्थापित हुआ चौधरी चरण सिंह जलाशय बर्बाद हो गया है। इसका दो बार जीर्णोधार और सौंदर्यीकरण हुआ लेकिन जलाशय आज भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। झाड़ियों में तब्दील इस जलाशय में अब जंगली जानवरों और पशु पक्षियों का बसेरा है। विकास विभाग अपने इस आदर्श सरोवर को लेकर कभी गंभीर नहीं रहा। इसे लेकर अब पंचायतों के वह प्रतिनिधि भी उंगली उठा रहे है जिन्हें इसी तरह के अमृत सरोवरों का अपने यहां निर्माण कराना है।
56 ग्राम पंचायतों में बनने वाले अमृत सरोवरों के लिए आदर्श बने इस सरोवर का निर्माण तत्कालीन ब्लाक प्रमुख शोभासिंह ने 2002 में कराया था। करोड़ों की लागत से बनाए गए इस सरोवर की दशा और दिशा सुधारने का काम तभी हुआ जब ब्लाक प्रमुख की कुर्सी बदली और सौंदर्यीकरण के नाम पर पचासों लाख का वारा न्यारा कर लेना जिम्मेदारों के लिए आसान बन गया। इसके बाद इसकी ओर झांकने वाला कोई नही निकला। आखिरी पत्थर मार्च 2021 में ब्लाक प्रमुख रहे फिरदौस खान ने लगवाया। जब चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के सहयोग से सौंदर्यीकरण कराया गया। तीन वर्ष में ही तालाब की अनदेखी का नतीजा है कि शोभा बढ़ा रही मछलियां तो गायब हो ही गई सरोवर का नक्शा ही बदल गया। जहां पहले लोग तालाब के किनारे बैठकर शांति महसूस करते थे आज उसे और जानलेवा खतरे की घंटी मांग जाना भी पसंद नहीं करते।
वर्जन-
विकास खंड में लगभग 27 अमृत सरोवर बनाने की रचना ब्लॉक स्तर पर शुरू की गई है। लेकिन धनाभाव के कारण एक मात्र अमृत सरोवर हाजीपुर में बनकर तैयार हो पाया है। शेष पर काम अभी चल रहा है। मुख्यालय के इस आदर्श सरोवर की बाबत अभी कोई नया प्रस्ताव नहीं बना है। -राजीव कुमार, एडीओ पंचायत सोहावल