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संविदा कर्मियों के नाम पर अफसर कर रहे बड़ा खेला

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अयोध्या। विद्युत वितरण मण्डल अयोध्या में आउटसोर्सिंग के जरिये रखे गये संविदा कर्मचारियों के नाम पर बड़ा खेला किया जा रहा है। विद्युत वितरण मण्डल में अनुरक्षण एवं परिचालन कार्य करने के लिए मेसर्स प्राइम वन फोर्स कम्पनी के माध्यम से करीब एक हजार आउटसोर्स संविदा कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, लेकिन विद्युत वितरण मण्डल के चारों वितरण खण्डों के कुछ बड़े अधिकारियों द्वारा इन कर्मचारियों से विद्युत उपकेन्द्रों पर अनुरक्षण व संचालन का कार्य लेने के बजाए अपने निजी कार्य जैसे ड्राइविंग, कम्प्यूटर चलाने वाले, खाना बनाने का कार्य लिया जा रहा है। इसके चलते उप्र पावर कारपोरेशन को प्रतिवर्ष 60 लाख से अधिक का चूना लग रहा है।यही नहीं कुछ अधिकारी तो अपने चहेते रिश्तेदारों को भी विभाग में एक दिन भी कार्य किए बगैर ही एमबी कर विभाग से वेतन निर्गत करवा लेते हैं। कई अवर अभियंता ऐसे हैं जो सेवा प्रदाता कम्पनी के मैनेजर एवं स्थानीय सुपरवाइजरों से मिली भगत कर सरकारी धन का दुरूपयोग कर रहे हैं। जो कर्मचारी विद्युत उपकेन्द्रों पर कार्य ही नहीं करते लेकिन कागजों पर उनके नाम दर्ज है, को भी विभाग से वेतन दिलाने का कार्य कई वर्षों से किया जा रहा है।इसके साथ ही साथ लगभग सभी उपखण्ड कार्यालय एवं खण्ड कार्यालयों में भी कार्य करवाकर उन्हें लाइन स्टाफ संविदा का वेतन दिलाया जा रहा है। विभाग से फर्जी तरीके से वेतन पाने वालों की संख्या वर्तमान में पूरे वितरण मण्डल अयोध्या में लगभग 50 के करीब है। यदि इनको प्रति माह मिलने वाले वेतन को जोड़ा जाए तो लगभग 5 लाख मासिक व लगभग 60 लाख रुपये रुपए वार्षिक की चोट विभाग को पहुंचायी जा रही है। क्योंकि संविदा कर्मचारियों की उपस्थिति अवर अभियंता ही एमबी में दर्ज करता है, इसलिए इस खेल में जेईसे लेकर बड़े अधिकारी तक की मिली भगत रहती है।
मुख्यालय के आदेश भी ताक पर
यूपीपीसीएल मुख्यालय शक्ति भवन से प्रबंधन द्वारा लिखित आदेश एवं सख़्त हिदायत सभी अधिकारियों को जारी किया गया है कि किसी भी संविदा कर्मचारी (अनुरक्षण एवं परिचालन) से न तो किसी भी कार्यालय पर कार्य लिया जाएगा एवं न तो किसी भी ऐसे फर्जी लोगों को संविदा कर्मचारी का वेतन निर्गत किया जाएगा।फिर भी कुछ अधिकारी लोग प्रबंधन के आदेशों को ताख पर रख कर उनके द्वारा खुलेआम निडर होकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। बताते हैं कि विद्युत वितरण खण्ड रूदौली के विद्युत उपकेंद्र ड्योढ़ी में तीन लोगों रोहित कुमार, जफीर अहमद एवं सरोज गौतम की उपस्थिति बिना विद्युत उपकेंद्र पर आये एवं कार्य किए बगैर ही लगातार उन्हें विभाग से वेतन दिलाने का कार्य किया जा रहा है।
आईजीआरएस पर मुख्यमंत्री से की गयी शिकायत
इस मामले की शिकायत मण्डल अध्यक्ष उप्र पावर कारपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ अयोध्या संतोष कुमार द्वारा मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर भी की गयी है। संघ नेता का कहना है कि संविदा कर्मचारियों को 8 घंटे से अधिक कार्य करना पड़ता है। नतीजा यह है कि लाइनों के अनुरक्षण एवं परिचालन कार्य सही तरीके से नहीं हो पाता जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से गोपनीय निष्पक्ष जांच कमेटी गठित कर फर्जी लोगों को चिह्नित कर उनके और उन्हें फर्जी वेतन निर्गत करने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कठोर कार्रवाई करने तथा गबन किए गए सरकारी धन की वसूली भ्रष्ट अधिकारियों से करने की मांग की है। इस सम्बन्ध में अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मण्डल सुशील गर्ग ने बताया कि जो भी संविदा कर्मचारी कार्य करते हैं उन सबकी हाजिरी जेई द्वारा लगाये जाने के बाद ही वेतन भुगतान किया जाता है।
संविदा कर्मचारियों को मिलने वाला मासिक वेतन
एक लाइन मैन श्रमिक 11500 रुपये मासिक-अकुशल श्रमिक को करीब 8500 रुपये मासिककुल वेतन का 23 प्रतिशत ईपीएफ में जमा होता है।

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