अयाेध्या। अयाेध्याधाम स्थित ऐतिहासिक स्थान – श्री गुरूनानक गाेबिंद धाम ,गुरूद्वारा नजरबाग में 13 नवंबर साेमवार काे हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बंदी छाेड़ दिवस के उपलक्ष में सालाना महान गुरमत समागम का आयाेजन हर्षाेल्लास के साथ किया गया। इस माैके पर नानकसर सींघड़ा करनाल से आए संत बाबा अमरजीत सिंह भाेला जी, बीबी सिमरन कौर जी दिल्ली वाले, भाई परमजीत सिंह नौतनवा,भाई सतबीर सिंह लखनऊ ने कथा और कीर्तन द्वार संगतो,श्रद्धालुओं को गुरु चरणों से जोड़ा। उन्होंने शांति-भाईचारा का संदेश देते हुए कहा कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं। इसलिए समाज में ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाकर सबकाे गले लगाएं। साथ ही हर गरीब-असहाय की मदद करें। श्रद्धालुओं ने बड़े चाव के साथ लंगर प्रसाद ग्रहण किया। गुरूनानक गाेबिंद धाम गुरूद्वारा नज़रबाग के जत्थेदार बाबा महेंद्र सिंह जी ने बताया कि दीपावली पर्व पर सिक्खाें के छठवें गुरु हरगाेबिंद साहिब जी का ग्वालियर किले से अमृतसर आगमन हुआ था। वह ग्वालियर के किले से 52 राजाओं काे जहांगीर की कैद से मुक्त कराकर हरमंदिर साहिब ( स्वर्ण मंदिर) पहुंचे थे। उस वक्त स्वर्ण मंदिर व पूरे अमृतसर शहर काे दीयाें की राेशनी से सजाया गया था। इस दिन काे दाता बंदी छाेड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है अर्थात बंधनाें से मुक्त कराने वाले दाता का खास दिन। इसी अवसर पे अयोध्या में हर वर्ष दीपावली के दूसरे दिन महान गुरमत समागम का आयाेजन किया जाता है। सेवादार नवनीत सिंह ने बताया कि गुरूद्वारा नजरबाग बहुत ही पाैराणिक स्थल है जो कि सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु गुरूनानक देव जी और दसवें गुरू गाेबिंद सिंह जी की चरण छू प्राप्त है। अमर शहीद संत बाबा राम सिंह जी की प्रेरणा एवं संत बाबा त्रिलोचन सिंह जी व समूह पूर्वांचल की साध संगत तथा प्रबंधक कमेटियों के सहयोग से 17 वर्षाें से अनवरत महान �