हजारों श्रद्धालुओं के लिए ‘नव्य-भव्य अयोध्या’ में ठहरने का माध्यम बन रही है टेंट सिटीज
1 min readअयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर बनाए जा रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय धीरे-धीरे निकट आ रहा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश-विदेश से लाखों लोगों के अयोध्या पहुंचने की संभावना है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से विभिन्न स्थानों पर टेंट सिटी का निर्माण कराया गया है।
माझा गुप्तार घाट में 20 एकड़ भूमि में टेंट सिटी स्थापित किया जा रहा है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था की जा रही है। ब्रह्मकुंड के पास भी टेंट सिटी स्थापित की जा रही है, जिसमें 35 टेंट लग रहे हैं। वहीं, रामकथा पार्क में भी 30 टेंट्स की सिटी स्थापित की जा रही है। इसी प्रकार तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बाग बिजेसी में 25 एकड़ भूमि में टेंट सिटी स्थापित की जा रही है, जिसमें हजारों लोगों के रुकने की व्यवस्था हो सकेगी। इसके अतिरिक्त कारसेवकपुरम व मणिराम दास की छावनी में भी श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए टेंट सिटी को स्थापित किया जा रहा है।
‘हेरिटेज कॉटेज स्टे’ का आभास देने वाले इन टेंट सिटीज में यूं तो देश-दुनिया के तमाम जायकों का स्वाद श्रद्धालुओं को मिल सकेगा, मगर इसमें सबसे विशिष्ट अवधी व बनारसी जायके होंगे। ब्रह्म कुंड व राम कथा पार्क में स्थापित टेंट सिटी का विकास एडीए द्वारा प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए किया गया है। ब्रह्न कुंड की टेंट सिटी 1 दिसंबर से संचालित हो रही है। यहां ठहरने वाले श्रद्धालुओं को मिलेट्स व मोटे अनाज के बने पकवान, मक्के की रोटी-सरसों का साग समेत सीजनल साग-सब्जियों की तमाम वेराइटी पेश की जाएगी। इसके अलावा, बाजरे की रोटी व अन्य रेसिपीज, मटर का निमोना, बाटी-चोखा और मूंग खिचड़ी समेत कई प्रकार के स्थानीय पकवान भी परोसे जाएंगे। हेल्थ कॉन्शियस लोगों को यहां डिटॉक्स वॉटर की भी सुविधा मिलेगी, साथ ही पर्सनलाइज्ड कुजीन प्रेफरेंसेस को भी तरजीह दी जाएगी।
वुडन डेक बेस्ड इन टेंट्स में रहने वाले लोगों को शानदार इंटीरियर्स के साथ आराम कुर्सी, सोफे, डाइनिंग लाउंज, पर्सनल वोल्ट, रूम हीटर, एसी व हाई स्पीड इंटरनेट समेत तमाम सहूलियतें मिलेंगी। यहां बोनफायर, कल्चरल इवेंट्स के लिए ओपन एयर थिएटर और सोविनियर शॉप की भी सहूलियत लोगों को मिलेगी। ये टेंट्स लॉन्ग ड्यूरेबिलिटी बेस्ड हैं और एक बार स्थापित किए जाने के बाद 10 वर्षों तक इनका संचालन किया जा सकता है।