दशलक्षण महापर्व के पंचम दिवस मुख्य न्यायाधीश ने किया महाअभिषेक
1 min readअयोध्या।अयोध्या के रायगंज स्थित दिगम्बर जैन मंदिर बड़ी मूर्ति भगवान ऋषभदेव की जन्मभूमि पर उत्तरप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने किया। लगभग भगवान की 31 फुट उत्तुंग प्रतिमा का महाअभिषेक माननीय न्यायाधीश ने जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया एवं कहा कि आज मैं पूज्य माताजी के चरणों में बैठकर माताजी के प्रवचन सुनने के लिए आया हूँ। पूर्व में पूज्य माताजी के दर्शन मैंने अनेक बार किये। मेरे पूर्वज पं. सुमेरचंद दिवाकर चारित्रचक्रवर्ती प्रथमाचार्य शांतिसागर महाराज के संघ में रहकर करते थे एवं साधनारत रहते थे। मैं उन्हीं का प्रपौत्र हूँ। गुरुभक्ति हमारे परिवार की सदैव परम्परा रही है। उसी परम्परा का निर्वहन करते हुए आज मैं माताजी के चरणों में बैठकर आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु अपने परिवार के साथ में यहाँ आया हूँ।इसी क्रम में परमपूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने बताया कि आपके दादा पं. सुमेरचंद दिवाकर एवं मेरा बहुत निकट का संपर्क रहा। संघ में सदैव ज्ञान की चर्चा होती रहती थी। और बहुत ही भक्तिमान और ज्ञानी व्यक्ति थे आपके दादा। आपको आपके परिवार का गौरव प्राप्त हुआ एवं अहिंसा के पथ पर चलते हुए आपने उच्च न्यायाधीश का पद प्राप्त किया। जो जैन समाज के लिए बहुत बड़ा गौरव है। साथ में एस.एस.पी. अयोध्या, जिला न्यायाधीश पधारे एवं बलरामपुर जिला मजिस्ट्रेट एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी पधारे। अयोध्या संस्थान के मंत्री विजय कुमार जैन ने बताया कि माननीय मुख्य न्यायाधीश के पधारने पर दिगम्बर जैन मंदिर कमेटी में माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय का स्वागत किया। जिसमें अंगवस्त्र, शॉल, माला, दुपट्टा, प्रतीकचिन्ह देकर संस्थान के पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति, मंत्री विजय कुमार, डॉ. जीवन प्रकाश जैन, सौधर्म इन्द्र श्री कैलाशचंद जैन सर्राफ, अमृत जैन, जितेन्द्र लुहाड़िया, चन्द्रशेखर कासलीवाल आदि ने किया।