सरसों के तेल में मिलावट के साथ मिलावटी खाद्य पदार्थ के जहर से स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर
1 min readखाद्य पदार्थों में मिलावट कर कम समय मे बनना चाहता हर व्यक्ति लखपति
अयोध्या। इस समय मिलावट का दौर इतना बढ़ता जा रहा है कि हर व्यक्ति कम समय मे लखपति बनना चाहता है चाहे उसे आम व्यक्ति के जीवन से खिलवाड़ ही क्यो ना करना पड़े।अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर मे मिलावट खोर सरसों के तेल में मिलावट के बाद खाद्य मसालों में मिलावट कर आम जनमानस के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर नई नई खतरनाक बीमारियों को जन्म देने रहे हैं।
मिलावटी सरसों के तेल व खाद्य पदार्थों की बिक्री का हब बना रुदौली जहां से अन्य जिलों में की जाती है मिलावटी सामानों की बिक्री जिसका अभी कुछ माह पहले ही खाद्य विभाग की टीम ने रूदौली के महाजन ट्रेडर्स कजियाना से गाड़ी पर लादकर अनिल ट्रेंडिंग कम्पनी गोंडा जिला ले जाया जा रहे 15 किलोग्राम के 320टीन दावत ब्रांड का पाम आयल पकड़ा गया था जिसका कुल वजन 4798 केजी था और उसका मार्केट मूल्य 4,91795 रुपये आंका गया था उसके बाद से खाद्य विभाग की टीम क्षेत्र से गायब हो गई।
क्षेत्र के जानकार लोगों ने बताया की दूध,मसाले,अनाज,दालें,घी से लेकर सब्जी और फल तक कोई भी खाद्य पदार्थ मिलावट से अछूता नहीं है। मिलावट का सबसे अधिक कुप्रभाव हमारी रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होने वाली जरूरत की वस्तुओं पर ही अधिक पड़ रहा है वहीं शरीर के पोषण के लिए आम जनमानस को खाद्य पदार्थों की प्रतिदिन आवश्यकता होती है। सब्जी बनाने में सरसो का तेल लगभग हर घर की रसोई में सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है वहीं सरसो तेल का भाव आसमान छू रहा है तो मिलावटखोर सरसों के तेल में मिलावट कर मोटी कमाई कर रहे है जिससे सेहत को नुकसान होने का खतरा भी बढ़ गया है। मिलावटी खाद्य तेल के उपयोग के कई गंभीर दुष्प्रभाव हमारी सेहत पर देखने को मिलते हैं जैसे जी मिचलाना गैस बनना और पेट खराब होने के साथ ही पेट में सूजन यहां तक कि दिल और सांस की बीमारी और एनीमिया का खतरा भी बढ़ जाता है। लोगों ने बताया कि पहले सरसों के तेल में धान की भूसी का तेल बहुतायत में मिलाया जाता था लेकिन अब पाम ऑयल मिलाया जाने लगा है पाम ऑयल तेल सस्ता होने के कारण दुकानदार को अधिक मुनाफा होता है।
राइस ब्रान ऑयल का भी नकली सरसों का तेल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।इन तेलों में रंग,खुशबू और मिर्च का अर्क, सिंथेटिक एलाइल, प्याज का रस और फैटी एसिड की मिलावट करते हैं खाने में सरसों के तेल का स्वाद तीखा व कड़वा होता है और इसकी सुगंध तेज होती है.
जानकार लोगों ने बताया मिलावटी तेल खासकर पामोलिन मिले तेल को फ्रिज में रखने पर वह वनस्पति की तरह जमने लगता है और शुद्ध सरसों का तेल कभी भी जमता नहीं है इसे जांचने के लिए तेल के नमूने में गाढ़ा नाइट्रिक एसिड मिलाकर मिश्रण को खूब हिलाएं थोड़ी देर बाद मिश्रण में अगर लाल-भूरे रंग की परत दिखाई दे तो यह मिलावटी होने का संकेत है।
त्योहारों और शादियों के सीजन में मांग बढ़ने पर बढ़ जाती है मिलावट खोरी
लोगों का जानकर लोगों का ने बताया कि त्योहारों और शादियों के सीजन में मांग बढ़ने से मिलावट खोरी और बढ़ जाती है।इस दौरान सबसे ज्यादा रिफाइंड,सरसों के तेल की मांग होती है जो महंगाई की वजह से सरसों के तेल में मिलावट की जड़ें लगभग हर क्षेत्र में मजबूती से फैली हुई हैं। बाजार में नकली सरसों का तेल भी खूब बिकता है. पाम ऑयल, राइस ब्रान, सोया ऑयल मिलाकर सरसों का तेल बनाते हैं। इसके बाद असली से तीस-चालीस रुपए कम दामों में बेचते हैं वहीं सस्ते दामों में मिलने वाले इन तेलों की खासियत यह होती है कि इनमें किसी तरह की खुशबू नहीं होती है और मिलावटखोर इसी बात का फायदा उठाते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों का कहना है
स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों का कहना है कि केमिकल और ग्लिसरीन युक्त तेल से लीवर संबंधी रोग की आशंका रहती है और मिलावटी तेल में मिले हानिकारक तत्व एल्डिहाइड, पॉलीमर आदि बेहद नुकसानदेह हैं डाक्टरों का कहना कि पॉलीमर ऐसा तत्व है जो तले जाने के बाद कार्बोहाइड्रेट के साथ मिलकर कैंसर की कोशिकाएं तक विकसित कर सकता है तो वहीं फैटी एसिड हृदय की धमनियों में जमता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। पीड़ित मरीज के शरीर में सूजन के साथ ही फेफड़ों में पानी जमा होने का खतरा रहता है जबकि रसायन युक्त तेल लंबे समय तक इस्तेमाल करने से श्वसन तंत्र भी काफी प्रभावित होता है।