रमज़ानुल मुबारक के आखिरी अशरे में शबेकद्र की रात में इबादत कर अल्लाह की बारगाह में गुनाहों से तौबा की
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अयोध्या। मुकद्दस रमजान के चल रहे आखिरी अशरे की ल शबेकद्र की तीसरी रात यानी मंगलवार की रात रूदौली तहसील क्षेत्र की मस्जिदों में रोजेदारों ने इबादत कर अल्लाह से अपने गुनाहों से तौबा की और जहन्नुम की आग से पनाह मांगी,और हमेशा अल्लाह और उसके रसूल के बताए रास्ते पर च जिंदगी गुजारने का अहद किया।देर रात 3 बजे भेलसर जमा मस्जिद में मौलाना मुजाहिद उल इस्लाम ने दुआ कराई।जिसमें हजारों मुसलमानों ने दुआ के हाथ उठाए, इसमें बुजुर्ग नौजवानों के साथ ही नन्हे मुन्ने बच्चों ने भी हिस्सा लिया।सारी रात नमाज अदा की और कलाम पाक की तिलावत करके अल्लाह से रहमत बरकत और सलामती तथा मगफिरत की हाथों को बुलंद कर दुआ की। शबे कद्र को लेकर क्षेत्र में खूब चहल-पहल रही। मस्जिदों में विशेष रौनक दिखाई दी।भेलसर गांव जामा मस्जिद, सैयदना बिलाल भेलसर चौराहा की जामा मस्जिद सहित शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों की विभिन्न मस्जिदों में रात भर अकीदतमंदों ने अल्लाह की इबादत की।मौलाना मुजाहिद उल इस्लाम नदवी, मौलाना समीम और मौलाना आरिफ बसीर नदवी तथा मौलाना शब्बीर नदवी ने बताया कि शबे कद्र पर की गई इबादत का बहुत सवाब है। अल्लाह आज के दिन मांगी गई दुआ को कबूल करता है, और तौबा करने पर गुनाहों को माफ कर देता है। मौलाना ने बताया कि शबे कद्र के ही दिन ही अल्लाह ने कुरान शरीफ नाजिल किया (आसमान से जमीन पर उतारा था)। इसलिए शबे कद्र की एक रात को हजारों रातों से बेहतर बताई गई है। मस्जिदों में कुरान-ए-पाक की तिलावत और नफ्ल नमाज अदा की गई।जगह-जगह मस्जिदों में लोगों द्वारा रोजेदारों के लिए सहरी खाने का विशेष इंतजाम किया गया। (मो0 आलम)