बाढ़ के कहर से घिरी पूराबाजार की 7 हजार आबादी, परिवारों का पलायन शुरू
1 min readअयोध्या। बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से उफनाई सरयू नदी ने बाढ़ का कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पूराबाजार की करीब सात हजार की आबादी के दो हजार परिवार बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। एक ओर जहां परिवारों ने पलायन शुरू कर दिया है वहीं तहसील प्रशासन नावों के सहारे ही प्रभावितों की नैया पार लगाने में जुटा है। हद यह कि बाढ़ आने के बाद अब राहत केंद्रों को चालू करने की तैयारी भर की जा रही है। बाढ़ से प्रभावितों का तिनका – तिनका बिखर रहा है और जिम्मेदार बचाव और राहत के दावों का दंभ भर रहे हैं।
लगातार बढ़ रहे सरयू के जलस्तर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के गांवों में बाढ़ पानी घुसने लगा है। जिससे बाढ़ पीड़ित गांव छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जा रहे हैं बाढ़ का पानी भर जाने से अब जानवरों के चारे का भी संकट खड़ा हो रहा है। प्रशासन की ओर से अब तक केवल नाव की व्यवस्था की गई है। बाकी सब राम भरोसे है।
पूराबाजार के बाढ़ प्रभावित गांव
मूड़ाडीहा मांझा, उरदहवा, सलेमपुर, पूरे चेतन, पिपरी संग्राम, बस्ती माझा, मडनामाझा, बलुइया माझा, पनसैवा, सेवरहवा, लोनियाना, गिलेंट, मदरहिवा धनाई का पुरवा नई दुनिया, काजीपुर मांझा की 7000 की आबादी व 1391 परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं। बलुइया मांझा के राम सागर, भोला निर्मला यादव, हरकिशन, बंशीराम, राम उजागिर, ग्राम पंचायत सदस्य सत्रोहन निषाद ने बताया कि बाढ़ का पानी खेतों और खलिहानों में भर गया है। जिससे फैसले जलमग्न हो गई हैं।जिसके चलते जानवरों के चारे का संकट खड़ा हो गया है। प्रशासन की तरफ से अब तक केवल नाव की व्यवस्था की गई है। जबकि बलुइया माझा बाढ़ के पानी से पूरी तरह गिर गया है और पानी घरों में घुसने लगा है।
बोले बाढ़ पीड़ित – नहीं है अभी तक कोई इंतजाम
मूडाडीहा मांझा के राम जन्म, अमरनाथ, हीरालाल, ठाकुर प्रसाद, राधेश्याम, राम लगन, हीरा निषाद कहते हैं कि बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है। गांव पानी से घिर रहे हैं। जिस तेजी के साथ नदी का पानी बढ़ रहा है उससे प्रतीत होता है कि कभी भी घरों में पानी घुस जाएगा। इससे पहले की सुरक्षित ठिकानों पर जाना पड़ेगा।
अभी तक गांव में कोई अधिकारी कर्मचारी दिखाई नहीं पड़ा। जल स्तर तेजी से बढ़ते देखकर लगता है कि पिछली बाढ़ की तरह फिर भीषण बाढ़ आने वाली है।
तहसील प्रशासन ने किया राहत का दावा
तहसीलदार सदर रामप्रसाद त्रिपाठी का कहना है दशरथ समाधि स्थल, मडना माझा, रामपुर पुआरी माझा, काजीपुर माझा सहित चार बाढ़ राहत केंद्र आज से खोले जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित गांव में नाव की व्यवस्था पहले से ही की गई है। तहसील प्रशासन एलर्ट है।
मोहम्मद आलम