शोभितराम मेमोरियल पब्लिक स्कूल में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम, दही हांडी प्रतियोगिता समेत कई आयोजन
1 min readमिल्कीपुर (अयोध्या)। रामनगरी अयोध्या में कृष्ण जन्मोत्सव के लिए भव्य तैयारियां की गई। मंदिरों के अलावा कई संस्थानों, पुलिस लाइन, थानों समेत स्कूल- कॉलेजों में जन्माष्टमी के मौके पर आयोजन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मिल्कीपुर थाना, क्षेत्राधिकारी कार्यालय के साथ विद्यालयों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। शोभितराम मेमोलियल पब्लिक स्कूल में भव्य आयोजन हुआ। जिसमें दही हांडी और कृष्ण पूजन प्रमुख कार्यक्रम रहे। उत्सव में स्कूल के बच्चों ने आकर्षक प्रस्तुति दी।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर सेवरा स्थित शोभितराम पब्लिक स्कूल में भव्य आयोजन किया गया। इससे पहले राधा और कृष्ण का पूजन भी किया गया। खासतौर दही हांडी की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जिसमें गोविंदा बने छात्र ने अपनी टोली के साथ रस्सी से बंधी मटकी को फोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाया।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शोभित राम मेमोरियल पब्लिक स्कूल परिसर में अतिथियों ने बच्चों के लिए विशेष स्पीच दिया। मंच से स्कूल के प्रबंधन लक्ष्मी नारायण शर्मा ने कहा कि कृष्णा जन्माष्टमी के महत्व को बताते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने बताया कि आयोजन बच्चों को भारतीय पौराणिक कथाओं और धार्मिक मूल्यों के प्रति समाज में जागरूकता लाने में मदद करता। शर्मा ने ये भी कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन से हमें कई प्रकार की शिक्षा मिलती है। इससे हम ये समझ पाते हैं कि अगर मन में विश्वास और सकारात्मक सोच हो जीवन में उम्र के किसी भी पड़ाव पर कठिनाई क्यों ना आ जाय, उससे आसानी ने निपटा जा सकता है। कार्यक्रम में विद्यालय की प्रशासक ज्योति शर्मा, शिक्षकगणों में जयंत, धनश्याम दास, उमेश, आदित्य, मीना शर्मा, वैशाली, मधु तिवारी और अन्य शिक्षकगण व कर्मी मौजूद रहे ।
विद्यालय की प्रशासक ज्योति शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें कई प्रकार की शिक्षाएं मिलती हैं, जिन्हें हमें आत्मसात करना चाहिए। इससे हमारे जीवन का संपूर्ण विकास संभव है। विद्यालय के शिक्षक धनश्याम दास ने कहा कि श्रीकृष्ण का पूरा जीवन संघर्षों से जुड़ा हुआ। ये संघर्ष कारागार में उनके जन्म से ही हुआ। उन्होंने अपनी बाल्यावस्था में ही कालिया नाग पर विजय प्राप्त कर पूरी मानवजाति की रक्षा की, क्योंकि कालिया ने पूरी यमुना का पानी ही विषाक्त कर दिया था।