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भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने के मिशन पर एसएसके भारत

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अयोध्या । कल्पना कीजिए कि यातायात के तीव्रतम गति वाले जिस विमान की खोज पिछली सदी में हुई, उसकी परिकल्पना इस देश के ऋषियों-मुनियों ने त्रेता युग यानी आज से पांच हज़ार वर्ष पहले ही पुष्पक विमान के रूप में कर ली थी। मतलब ऋषि-मुनि के रूप में वे वैज्ञानिक और भविष्यद्रष्टा थे। वे जान गए थे कि इस आसमान का उपयोग परिवहन के माध्यम के रूप में भी किया जा सकता है और उन्होंने विमान की परिकल्पना की और उसे कार्यान्वित भी किया।
एसएसके भारत मैनेजमेंट एंड मीडिया २१वीं सदी में देश के प्राचीन गौरव को फिर से बहाल करने के मिशन पर काम कर रहा है। सन २०२० में स्थापित एसएसके भारत समूह के मुख्य प्रबंध निदेशक कार्तिक रावल कहते हैं कि, कंपनी के पास विशेषज्ञों की टीम है, जिसे जैव ईंधन उद्योग, कृषि उद्योग, डेयरी उद्योग, एफएमसीजी उद्योग, भवन-निर्माण उद्योग और कई अन्य उद्योगों में सफलतापूर्वक काम करने का २० वर्षों से अधिक का अनुभव है। कंपनी अपने अनुभवों और ज्ञान का उपयोग करके भारत में नए स्टार्टअप और व्यवसाय बनाने का प्रयास कर रही है जिसका नाम है एसएसके भारत स्टार्टअप्स।
श्री रावल के अनुसार, “एसएसके भारत कंपनियों का समूह है। समूह रिजनल लेवल और तालुका लेवल पर स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एक स्टार्टअप कंपनी का निर्माण करती है। इसमें २० फ़ीसदी हिस्सेदारी स्थानीय उद्यमी को दी जाती है और २० फ़ीसदी हिस्सेदारी समूह के पास होती है। बाक़ी शेअर उस स्टार्टअप कंपनी के फंड रेज़िंग के प्रावधान के लिए होते है। कंपनी से जुड़ने वाले स्थानीय व्यक्ति के परिसर में स्टार्टअप के तहत कंपनी खड़ी की जाती है और वहां पहले बायोफर्टिलाइज़र, बायोपेस्टिसाइड, केमिकल फ्री ऑर्गैनिक फार्मिंग की शुरुवात की जाती है। उसके बाद एफएमसीजी प्रॉडक्ट्स का प्रमोशन किया जाता है। तदुपरांत क्षेत्र विशेष के अनुसार वहा कैटल फीड की फैक्ट्री और डेयरी इंडस्ट्री और उसके प्रॉडक्ट से संबंधित आउटलेट की स्थापना की जाती है। इसके बाद बायोगैस (CBG) के सारे उपक्रम उस परिसर में लगाए जाएंगे। इसके अलावा भविष्य में आनेवाले कंपोस्टेबल प्लास्टिक और वहां के स्थानीय ज़रूरतों के अनुसार फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज वगैरह लगाने की योजना है। और भी वे चीज़ें की जाएगी, जो उस क्षेत्र के विकास में योगदान देगी। जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार दिलाने औऱ हमारे बिज़नेस को ग्रो करने में मदद मिल सके। इसके लिए हमारे पास पूरा टेक्निकल सपोर्ट है। फाइनांस अरेंज करना और दूसरी चीज़ें एसएसके भारत समूह द्वारा की जाएगी।
वस्तुतः एसएसके भारत समूह फिलहाल रसायन मुक्त जैविक खेती, एफएमसीजी इंडस्ट्री, डेयरी इंडस्ट्री और बायो-फ्यूल प्रोडक्शन के सेक्टर में काम कर रहा है। कंपनी ने युवा और किसानों को इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है। कंपनी ने कहा है कि जो ऊनसे जुड़कर स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं वे न केवल अपनी खुद की एक स्टार्टअप कंपनी का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि उज्ज्वल और नई आशाओं से भरे भविष्य में निवेश भी कर रहे हैं। इन एसएसके भारत स्टार्टअप कंपनी का लक्ष होगा पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लाभ के लिए सबसे उन्नत आधुनिक विज्ञान की मदद से प्राचीन भारतीय विज्ञान पर आधारित उत्पाद और सेवाएं प्रदान करना।
एसएसके भारत समूह का मिशन और विज़न अपने देश को ५ ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला शक्तिशाली और हरित राष्ट्र बनाकर उसके प्राचीन गौरव को फिर से स्थापित करना है। ताकि पूरी दुनिया उसे विश्वगुरू के रूप मे फिर से स्वीकार करे और मान्यता दे।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एसएसके भारत के पास योग्य अनुभवी और दूरदर्शी प्रबंधन विशेषज्ञों की ११०+ लोगों की सक्षम टीम है। यह टीम आने वाले वर्षों में देश भर में व्यावसायिक क्षेत्रों में फैले उद्यमियों की प्रतिभा का पोषण करने का लक्ष्य बना रही है। कंपनी अपने सभी ग्राहकों को लागत प्रभावी, उच्च गुणवत्तावाली और आकर्षक सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। विशेषत्रों की एक संक्षम टीम हमारे ग्राहकों के व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम भी कर रही है। इस तरह जो भी इस मिशन का हिस्सा बनेगे, चाहे वह नई प्रतिभा हो या अनभवी उद्यमी, उनके लिए घरेलू ही नहीं बल्कि और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकास करने और अपनी पहचान बनाने का भी अवसर है। हालही में बम्बई में आयोजित एक कार्यक्रम मे एसएसके भारत समूह के चेअरमन श्री. श्यामशंकर उपाध्यायजी की नियुक्ति यूरेशिया के ट्रेड कमिशनर के तौर पर हुई है जिससे इस मिशन को और बल मिलेगा।
इस युग का सबसे बड़ा लक्ष्य यही है कि भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने। इस राह में सबसे बड़ी चुनौती कृषि, ऊर्जा, ईंधन और अन्य सभी क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उत्पादन सुनिश्चित करना है। ये तमाम स्वदेशी उत्पाद केवल देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान ही नहीं देंगे बल्कि भारत की इन उत्पादों के लिए अन्य देशों पर निर्भरता को भी कम करेंगे और इन उत्पादों को आने वाले समय में भारत पूरी दुनिया को आपूर्ति करेगा। एसएसके भारत ग्रुप आपको अपना पार्टनर बनने का सुनहरा मौका दे रहा है। अब देश के सभी किसान और पेशेवर भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने की इस यात्रा में हमारे साथ शामिल हो सकते हैं। अपने और भारत के सुनहरे भविष्य के निर्माण के अद्भुत कार्य में जुट जाइए और इसका एक अनोखा माध्यम एसएसके भारत स्टार्टअप है।
कृषि-व्यवसाय में एसएसके भारत का योगदान
वर्तमान युग में भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है। देश की ६० फ़ीसदी जनता आज भी कृषि पर निर्भर है। अगर अच्छी बारिश होती है, तो अच्छी फसल होती है। इससे न सिर्फ किसानों में बल्कि संपूर्ण राष्ट्र और भारतीय अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार होता है। फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए उर्वरक आवश्यक होता हैं। अगर आंकड़ों पर सरसरी नज़र डालें तो २०२३ की आखिरी तिमाही में उर्वरक की बिक्री पिछले साल की तुलना में २.५ फ़ीसदी बढ़कर १०२.१२ लाख टन (लीटर) तक पहुंच गई है, जिसमें से ७० फ़ीसदी से अधिक उर्वरक विदेश से आयात किए गए। भारत को खेती में आधुनिक और प्राचीन तकनीक के तालमेल से नए उत्पाद बनाने की ज़रूरत है। एसएसके भारत स्टार्टअप ने गौ लाइफ साइंसेज प्रा. लि. के ज़रिए बायोफर्टिलाइजर्स लॉन्च करके इसकी शुरुआत कर दी है। यह पूर्ण रूपेण अत्याधुनिक नैनोटेक्नोलॉजी द्वारा निर्मित है। भविष्य में एसएसके भारत स्टार्टअप ऐसे बायो पेस्टिसाइड्स और आधुनिक तकनीकी उत्पाद लेकर आने वाला है जो भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
गौ ग्रो
गौ ग्रो एक क्रांतिकारी विकास उर्वरक है जिसे विशेष रूप से चारा प्रदान करने वाले सभी प्रकार के पौधों के स्वास्थ्य, विकास और उपज को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। अपने अनूठे फार्मूले के साथ, यह उर्वरक खाद्य फसलों को पोषण देता है, उनके विकास और जीवन शक्ति के लिए व्यापक सहायता प्रदान करता है।
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