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अयोध्या में बाढ़ से प्रभावित होने वाली 3 तहसीलों में बने 10 राहत केन्द्र

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38 गोताखोरों के साथ 150 नावें और 15 मोटर बोट तैयार

अयोध्या। सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर संभावित बाढ़ के खतरे से मुकाबले के लिए जिला प्रशासन ने सारी तैयारी मुक्कमल किए जाने का दावा किया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर स्टीयरिंग कमेटी की बैठक के बाद जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पूरा ले-आउट तैयार कर लिया है।
बाढ़ से प्रभावित होने वाली सदर, रुदौली और सोहावल तहसीलों में दस बाढ़ केन्द्र स्थापित किए गए हैं तो वहीं 38 गोताखोरों के साथ 150 नावें और 15 मोटर बोट एलर्ट मोड पर रखी गई हैं। आठ विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके लिए लगाया गया है और कंट्रोल रूम की स्थापना कर 24 घंटे मानीटरिंग की बात कही गई है। प्रभावित होने वाली तीन तहसीलों में तीन बाढ़ राहत केंद्रों की स्थापना का भी दावा किया जा रहा है।
प्राधिकरण की ओर से जारी सूचना के अनुसार जिले में कुल 1310 गांव हैं जिनमें तीन तहसीलों की 12 हजार से अधिक की आबादी हर साल बाढ़ से प्रभावित होती है। जिले के कुल क्षेत्रफल 261579 हेक्टेयर में कृषि क्षेत्रफल 203279 हेक्टेयर है। जिसमें गत वर्ष बाढ़ की चपेट में आकर 1407.885 हेक्टेयर खेती बर्बाद हुई थी। जनपद में घाघरा, सरयू, बिसुही, गोमती और मड़ना नदियां निकलती हैं लेकिन मुख्य रूप से सरयू जिसे घाघरा भी कहा जाता है के कारण बाढ़ आती है। प्राधिकरण द्वारा
बताया गया है कि वर्ष 2022 में सरयू का अधिकतम जलस्तर 93.980 था जबकि अभी वर्तमान में सरयू खतरे के निशान 92. 730 मीटर के सापेक्ष 91.100 पर बह रही है। जिसके चलते अभी जिले में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है लेकिन संभावना के मद्देनजर सभी तैयारियां पूरी कर लीं गईं हैं। गत वर्ष सदर के दस, सोहावल का एक और रुदौली के सात गांव बाढ़ की चपेट में आए थे जिसके कारण 1200 से अधिक आवासीय क्षति हुई थी और तीन हजार पशु प्रभावित हुए थे। बाढ़ की संभावना को देखते हुए राहत केंद्रों में संबधित तहसील के तहसीलदार को नोडल अधिकारी नामित किया गया है तो वहीं चिकित्सा, पशुपालन, बाढ़ कार्य खंड, जिला पूर्ति विभाग, विघुत वितरण निगम, बेसिक शिक्षा विभाग, पशु चिकित्सा, सिंचाई, जिला पंचायत के कर्मचारियों को लगाया गया है। जल निगम को प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में शुद्ध जलापूर्ति की ज़िम्मेदारी दी गई है।

बाढ़ से प्रभावित होने वाली तहसीलें और गांव

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जिले में बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों की संख्या 18 है। जिनमें सदर तहसील के दस, रूदौली के सात और सोहावल का एक गांव शामिल है। कुल प्रभावित होने वाली आबादी करीब दो हजार और कृषि क्षेत्र 1407.885 बताया गया है। सदर तहसील में छह बाढ़ राहत केंद्र जबकि रुदौली में तीन और सोहावल में एक बनाए गए हैं। दावा किया गया है सभी पर कर्मियों की नियुक्ति की गई है। जबकि दस बाढ़ केन्द्रों को भी सुचारू करने का निर्देश दिया गया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार सभी आठ विभागों के कर्मियों की ड्यूटी का रोस्टर बनाया गया है।

जिला प्रशासन की तैयारियों पर एक नजर
10 बाढ़ केन्द्र
150 नावें
15 मोटरबोट
38 गोताखोर
8 विभाग
2200 कर्मी
24 घंटे का कंट्रोल रूम

बाढ़ जैसी स्थिति नहीं, तैयारी पूरी
जिले में अभी बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। संभावित बाढ़ को लेकर सभी तैयारियां पूरी हैं। सरयू नदी के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। आपदा विभाग पूरी तरह से तैयार है।

  • महेंद्र सिंह, अपर जिला अधिकारी, वित्त एवं राजस्व

मोहम्मद आलम

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