सेहत से खिलवाड़ जिंदगी में जहर घोल रहे मिलावटी खाद्य पदार्थ
1 min readअयोध्या।एक ओर जहां महंगाई आसमान छू रही है वहीं पैसा देने के बाद भी लोगों को बाजार में शुद्ध सामान नहीं मिल पा रहा है। दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली सभी चीजों में धड़ल्ले से मिलावट की जा रही है खाने से लेकर पीने तक की खाद्य सामग्री में मिलावट जारी है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में व्यवसायी लोगों को जहर बेच रहे हैं और उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।बावजूद इसके प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारी इन मिलावटखोरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
सब्जी भी अछूती नहीं, परवल में कलर
हरे रंग में डुबोकर बिकता है परवल गर्मी के मौसम में परवल की उपज अच्छी होती है शादी समारोह या अन्य उत्सव में लोग परवल की सब्जी बनाना ज्यादा पसंद करते हैं।ऐसे में दुकानदार अपने परवल को ताजा और अच्छा दिखाने के लिए इसे रंग में डुबाकर बेचते हैं इसके प्रयोग से लीवर प्रभावित होता है अनाज यूरिया की अधिक मात्रा के कारण विषैला हो रहा है।सफेद दूध, काला धंधा दूध में पानी की मिलावट आम बात है इससे दूध की गुणवत्ता कम होती है लेकिन सेहत पर अधिक फर्क नहीं पड़ता है सिंथेटिक दूध बनाने में पानी के अलावा डिटर्जेंट पाउडर भी मिलाये जाते हैं क्षेत्र में दूध की खपत पहले से कहीं ज्यादा है। इसकी आपूर्ति के लिए पशुपालक अपने पशुओं से अधिक दूध पाने के लिए ऑक्सी-टॉक्सीन का इंजेक्शन देते हैं जिससे दूध की मात्रा बढ़ जाती है लेकिन उसी दूध के माध्यम से हमारे शरीर में टॉक्सिन आसानी से पहुंच जाता है जिससे हम बीमारियों के शिकार बन जाते हैं।
सरसों तेल व मसाला में भी मिलावट खाद्य पदार्थों में सरसों तेल का अलग महत्व है इसके बिना काम नहीं चल सकता है लेकिन बाजार मे सरसों तेल में दुकानदार जमकर मिलावट कर रहे हैं सरसों तेल में एक खास प्रकार के अम्ल का प्रयोग किया जाता है इसके प्रयोग से सरसों तेल में महक और तीखापन असली की तरह आ जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है और वहीं मसाला में भी मिलावट की जा रही है लाल मिर्च में ईट का मिश्रण,मिर्च में पपीता के बीज का प्रयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है।
ऐसे होती मिलावट दाल में मिलावट भी शरीर को स्वस्थ रखने में प्रोटीन की आवश्यकता होती है. यह हमें दालों में आसानी से उपलब्ध हो जाता है. दालों में सबसे ज्यादा लोग अरहर की दाल पसंद करते हैं लेकिन बाजार में अरहर के दाल में लोग खेसारी मिलाकर बेच रहे हैं.वहीं सत्तू और बेशन में खूब मिलावट हो रही सत्तू में मकई ,सिंघाड़ा और पीसा हुआ चावल मिला देते हैं जो स्वाद के लिए काफी हानिकारक है।
खाद्य विभाग की लापरवाही के चलते बाजारों से नकली तथा खराब खाद्य पदार्थ के रूप में बीमारी खरीद कर खा रहे हैं क्षेत्र के लोग
त्योहारों को छोड़कर छापामार कार्यवाही से दूर रहता है फूड विभाग
होली दिवाली त्यौहार छोड़ बाकी पूरे वर्ष फूड विभाग छापामार कार्यवाही से दूर रहता है।भीषण गर्मी में इन दिन जहां ठेलों खुमचों पर सड़े गले पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है।वही होटल स्वामी व किराने की दुकान पर भी तरह तरह के मानक विहीन सामानों की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है।लेकिन इस पर निगरानी रखने वाला फूड विभाग अपनी कुम्भकर्णी निद्रा में है।रुदौली तहसील अंतर्गत स्थित किराने की दुकानों पर इन दिनों कडुवा तेल व पॉम ऑयल के दर्जनों ब्रांड दुकानों पर सजे रहते है।जिनका सेवन कर क्षेत्र के लोग बीमारियों को दावत दे रहे हैं और दुकानदारों द्वारा पूरी तरह से मानकों की अनदेखी की जा रही है।
यही नही तहसील क्षेत्र के कुछ बड़े रेस्टोरेंट जो लोहिया पुल से शुरू होकर भेलसर चौराहे तक संचालित हो रहे हैं उनका भी यही हॉल है इन होटलों पर भी धड़ल्ले से नकली तथा खराब खाद्य पदार्थों की बिक्री की जा रही है लेकिन जिले से लेकर तहसील स्तर तक खाद विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नही रेंग रही है।
इस संबंध में फ़ूड इंस्पेक्टर रूदौली दिनेश कुमार चौधरी ने बताया कि विभाग द्वारा बराबर छापेमारी की कार्यवाही की जा रही है मार्च माह से लेकर मई माह तक कई दुकानों से नमूने लिए गए हैं जो जांच के लिए भेजे भी जा चुके हैं रिपोर्ट आनेपर विधिक कार्यवाही की जाएगी।
बावजूद इसके रुदौली क्षेत्र में होटलों तथा ठेलों पर मानक के विपरीत खाद्य सामग्री व पेय पदार्थों का विक्रय लगातार जारी है इस पर किसी भी प्रकार का अंकुश विभाग द्वारा नही लगाया जा पा रहा है।
मोहम्मद आलम